प्रकृति और विस्तृत ब्रह्माण्ड में बहुत सारे रहस्य आज भी हैं जिनको जान पाना बहुत
मुश्किल है 1
द्वारा
डा . नितीश प्रियदर्शी
हाल ही मैने
पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे प्राचीन जानकारी प्राप्त करने हेतु पुराने पुस्तको को खंगाल रहा था की
एक पुस्तक पर नज़र गई 1 ये
पुस्तक लामा लोगों के द्वारा लिखी गई थी। लामा लोग तिब्ब्त में रहते है तथा कई
प्राचीन जानकारी रखते हैं जो अभी भी विश्व के नज़रों से दूर हैं या पश्चमी लोग
इनपर विश्वास नहीं करते हैं। इस लेख के कुछ अंश मैंने लोब्संग रामपा के
द्वारा लिखित पुस्तक "द थर्ड आई " से भी अनुवाद किया है 1.
इन पुस्तकों को पढ़ते समय दो रोचक जानकारी मुझे मिली तो मुझे लगा
की इस
जानकारी को आपके साथ शेयर करूँ I इस पुस्तक में विस्तार से स्वप्न एवं पृथ्वी के प्राचीन सभ्यता एवं बदलते जियोलाजिकल बनावट के बारे में जानकारी दी हुई है 1
स्वप्न का हमारा
भौतिक जीवन से क्या
सम्बन्ध है तथा स्वप्न में हम क्या करते हैं?
एक लेख के अनुसार जब हम सोते हैं तो सिर्फ हमारा शारीर सोता है न की आत्मा 1 शारीर के सोने के बाद आत्मा , आत्माओं के देश जाती है वैसे ही जैसे बच्चे स्कूल के बाद घर लोटते है 1 आत्माओं के विचरण से ही सपने आते है जो एक चाँदी के धागे के माध्यम से हमारे दिमाग में सम्प्रेषित होते हैं 1 आत्मा इसी धागे के माध्यम से शारीर के संपर्क में रहता हे जब हम सपने में ब्रह्माण्ड में विचरण करते हैं 1
एक लेख के अनुसार जब हम सोते हैं तो सिर्फ हमारा शारीर सोता है न की आत्मा 1 शारीर के सोने के बाद आत्मा , आत्माओं के देश जाती है वैसे ही जैसे बच्चे स्कूल के बाद घर लोटते है 1 आत्माओं के विचरण से ही सपने आते है जो एक चाँदी के धागे के माध्यम से हमारे दिमाग में सम्प्रेषित होते हैं 1 आत्मा इसी धागे के माध्यम से शारीर के संपर्क में रहता हे जब हम सपने में ब्रह्माण्ड में विचरण करते हैं 1
आत्माओ की दुनिया
या यों कहे की सपनों की दुनिया में कोई समय नहीं होता या समय नाम की चीज नहीं
होती। समय सिर्फ भौतिक विचार है यानि उस दुनिया में इसका कोई मह्त्व नहीं है 1
लेख के अनुसार कई
लम्बे लम्बे सपने कुछ ही सेकेंडो में या मिनटों में ख़त्म हो जाते हैं 1
कई लोगों ने सपनो में अपने घरों से
दूर सात समुद्र पार
लोगों मिलते
या बात करते पाया होगा 1 क्या
ये भौतिक दुनिया में सम्भव है की आप एक ही रात में सात समुद्र पार जा कर और लोगों से मिलकर
वापस आ जाएँ 1 लेकिन ये
स्वप्न की दुनिया में सम्भव है1
कभी कभी ये भी
देखा गया है की आप स्वप्न में आपने किसी मित्र या नजदीकी रिश्तेदार से
मिलते हैं और कुछ ही समय के बाद उनका सन्देश आपको मिल जाता होगा और आपको
आश्चर्य भी लगता होगा की ये कैसे हो गया ?
आपने ये भी सुना
होगा की जो ग़हरी नींद में सो रहे हों उनको झटके से नहीं उठाना चाहिए नहीं तो
उनकी मृत्यू भी हो सकती है 1 क्या
इसका ये मतलब नहीं की उस वक़्त शारीर से आत्मा बाहर निकलकर आत्माओं के लोक में विचरण कर
रही हो ?
स्वप्न में कभी
कभी आप अपने मृत परिजनों
के आत्माओं
से भी मिलते होंगे और वो आपको आपके कठिन समय में मार्गदर्शन भी देते होंगे 1 ऐसा लगता होगा की वो आपके सामने ही बैठें हैं और आपसे
बात कर रहे
हैं 1
कभी आपने सोचा है
की स्वप्न तो आप रात को सोते हुए देखते हैं जब कमरे में प्रकाश नहीं होता तो स्वप्न में प्रकाश आता कहाँ से
है ? बहुत सारे प्रश्न ऐसे हैं जो अभी भी उलझे हुए हैं 1
बहुत जटिल है स्वप्न की दुनिया के बारे में जानना
और समझना 1 विज्ञानं इसको
मह्त्व नहीं देता लेकिन लामा लोग के लेखों में इसपर विस्तार से वर्णन है 1
स्वप्न की दुनिया
के बारे में जानकारी
लेने के बाद मुझे एक
तिब्बती लामा के लामा
बनने की अंतिम अवस्था में
अपने समाधी लेने के बाद के अनुभव का जिक्र एक पुस्तक में पढ़ने का सौभाग्य मिला 1
उसके अनुसार पूर्ण लामा बनने के पहले
एक अंतिम परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है तभी जाकर उसे लामा की
उपाधि मिलती है 1 वैसे तो उसे
कई कठिन परीक्षाओं से गुजरना होता है लेकिन वो तभी
लामा बनता हैं जब वो समाधी की अवस्था का भी अनुभव
प्राप्त कर लेता है 1
लामा ने अपने
अनुभव का जिक्र करते हुए लिखा है की उसे तिब्बत के पोताला से काफी नीचे एक
छूपे हुए सुरंग से ले जाया जाता है 1 यहाँ उसे पूर्ण शांति एवं सिहरन सा महसूस होता है 1
उस सुरंग के नीचे एक गुफा में लामा
ने एक रहस्यमय अनुभव की जानकारी दी है 1 उसके अनुसार उस गुफा में तीन काले रंग के कॉफिन
बॉक्स थे जिसमे तीन विशाल शव थे 1 उसमे एक शव महिला का था और दो शव पुरुष के
थे 1 महिला के शव की लम्बाई 10 फीट एवं पुरुषों के शव की लम्बाई लगभग 15
फीट थी 1 इस लामा के साथ गए तीन लोगो में से एक ने
कहा की
ये तीनो शव उन भगवानों के हैं
जो इस स्थान पर रहते थे जब यहाँ पर्वत नहीं थे 1 आज सबको मालूम है की तिब्बत हिमालय पर्वत से
घिरा हुआ है 1 लामा के अनुसार पश्चमी
सभ्यता एवं आधुनिक विज्ञानं इसको कभी भी स्वीकार नहीं करेगा 1
लामा के अनुसार
जब उसने समाधी ली तो ऐसा लगा की वो शारीर को त्याग कर एक पतंग की तरह हवा में उठता जा रहा है 1कुछ देर के बाद अपने आप को एक समुद्र के किनारे
रेत पर पाया 1 इस लामा ने कभी
अपने जिंदगी में समुद्र को नहीं देखा था 1 वहां उसने ताम्र रंग के विशाल आकार के लोगों को देखा
जो हंस खेल
रहे थे 1 शायद वो लामा आज के
वक़्त से काफी पीछे चला गया था 1 अपने
लेखन में उस लामा ने उस वक़्त का जिक्र किया है जब पृथ्वी सूर्य के काफी नजदीक थी और सूर्य की परीक्रमा उलटी
दिशा में करती थी 1 दिन
छोटे और गर्म होते थे 1 बहुत
विशाल सभ्यता का विकास उस लामा ने देखा और उसका वर्णन अपने पुस्तक "तीसरे नेत्र" में किया है 1 पुस्तक के अनुसार आज के मानव की तुलना में उस
वक़्त के मनुष्य को बहुत चीजों की जानकारी थी
1
अपने दूसरे लेख
में लामा ने एक और ब्रह्माण्डीय घटना का जिक्र किया है 1 उसके अनुसार बाह्य ब्रह्माण्ड से एक दूसरा भटकता
हुआ एक गृह आया और पृथ्वी से टकरा गया 1 पृथ्वी अपनी कक्षा से दूर खिसक गई 1 पूरी पृथ्वी पर बाढ़ एवं भूकंप की
घटनाएँ होने लगी 1 भूकंप पूरी
पृथ्वी के आकार में
बदलाव लाने लगी 1 कुछ जमीन पानी के अन्दर जाने लगी एवं कुछ समुद्र से
ऊपर उठने लगी 1 लामा के अनुसार
तिब्बत जो पहले एक समुद्र का किनारा था इस टक्कर की वजह से समुद्र तल से लगभग बारह
हजार फुट ऊपर उठ गया 1 वैसे
भी अगर जियोलाजिकल विज्ञान के रूप में देखा जाये तो जहाँ आज हिमालय है वहां पहले समुद्र था
जिसको टेटहीस कहा जाता था।
कुछ देर के बाद धीरे धीरे ये सारे दृश्य लामा की नज़रों से
दूर होने लगे और उसे ठण्ड भी लगने लगी 1 वो वापस अपने शारीर में प्रवेश कर चुका था 1
वो तीन दिन तक समाधी की अवस्था में
रहा 1
मैंने इस बात का जिक्र आपने एक दोस्त पेटे विन से किया जो की एक जियोलॉजिस्ट हैं और पिछले कई वर्षो से चीन
में रह के जियोलाजिकल शोध कर रहे हैं 1 उनका ये मानना था की वो शायद उस विशाल उल्कापिंड का
जिक्र कर रहे हैं जो की आज से 60 मिलियन
वर्ष पहले पृथ्वी के यूकातान पेनिनसुला से टकराया था जो की न्यू मेक्सिको में है 1
इस टकराहट से पृथ्वी पर काफी उथल पुथल हुआ था और
कई प्रजातियाँ विलुप्त हो गई थी 1
अगर देखा जाये तो पृथ्वी पर आज से लाखों साल पहले क्या होता था कोई नहीं जनता। बस एक अनुमान लगाया जाता है। आगे भी क्या होगा कोई भी ठीक से नहीं बता सकता है।
अगर देखा जाये तो पृथ्वी पर आज से लाखों साल पहले क्या होता था कोई नहीं जनता। बस एक अनुमान लगाया जाता है। आगे भी क्या होगा कोई भी ठीक से नहीं बता सकता है।
विज्ञानं इन
लेखों पर विश्वास नहीं करेगा उसे तो सबूत की जरुरत है 1 लेकिन जो भी हो प्रकृति और विस्तृत ब्रह्माण्ड में बहुत सारे
रहस्य आज भी हैं जिनको जान पाना बहुत मुश्किल है 1
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