Monday, October 26, 2009

झारखण्ड में ध्वस्त होते पर्वत.

अन्गारा का ध्वस्त पहाढ़ एक भुवेज्ञानिक घटना - और भी पहाढ़ हो सकते हैं ध्वस्त ।

डॉ। नितीश प्रियदर्शी

६ अक्टूबर की रात रांची के पास अन्गारा के एक गाँव में २५० फीट ऊँचा पहाढ़ अचानक तेज आवाज के साथ ध्वस्त हो गया। वेसे तो पहाढ़ धसने की घटना विश्व मैं कई जगह होती है जैसे २४ अगस्त को बांग्लादेश के चटगांव में एक ऊँचा पहाढ़ ध्वस्त हो गया। एक हफ्ता पहले बांग्लादेश में ही तन्किर पहाढ़ के ध्वस्त हो जाने से ११ लोग की मृत्यु हो गई । उसी तरह ३ अक्टूबर को अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर के पास एक काफी ऊँचा पहाढ़ ध्वस्त हो गया जिसके चलते कई मकानों को नुकसान पहुँचा।

अन्गारा एवं दुसरे जगहों में पवर्तों के ध्वस्त होने के कारणों में असामनता हैं। जहाँ बांग्लादेश में पहाढ़ ध्वस्त होने के पहले भूकंप आया था तथा कैलिफोर्निया में कुछ दिन पहले से पत्थर पर्वत से नीचे आ रहे थे वहीँ अन्गारा में ये सब कारण नदारद थे। यहाँ पहाढ़ अचानक रातों रात ध्वस्त हो गया बिना किसी भूकंप अथवा किसी अन्य भूगर्भीय हलचल के। वेसे विश्व में जहाँ जहाँ ज्वालामुखी विस्फोट होता है वहां पर इस तरह की पहाढ़ गिरने की घटना होती है। लेकिन अन्गारा में पहाढ़ ध्वस्त होने का कारण कुछ और ही लगता है।

रांची के आस पास की बहुत से छोटे एवं मध्यम ऊंचाई के पहाढ़ काफी वृद्ध हो चुके हें तथा वे काफी अपरदित हो चुकें हैं जैसे रांची पहाढ़ , पिठोरिया के पास की कुछ पहाढ़ इत्यादि। यानि ये सब अपरदन के चक्र के अन्तिम चरण में पहुँच चुके हें। पिछले वर्ष रांची पहाढ़ का कुछ हिस्सा भी धंसा था जिससे वहां के लोगों में डर व्याप्त हो गया था।

अन्गारा के पहाढ़ के अचानक ध्वस्त होने का एक ही कारण नजर आता है वह है काफी ज्यादा अपरदन के फलस्वरूप तथा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में पहाढ़ ध्वस्त हो गया। इस को भूविज्ञान की भाषा में "मास वेस्टिंग" कहतें हें जहाँ पहाढ़ पर उपस्थित किसी खास कमजोर स्थान से अचानक मिटटी एवं बोल्डर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में तेजी से नीचे आवाज करता हुआ घिसकने लगता हें। अन्गारा में जहाँ पर यह धसान हुआ वहां पर कई वृक्ष भी मलबे के अन्दर दब गए।

झारखण्ड में प्रकृति ने अपना संदेश दे दिया है। जरुरत इस बात की है की रांची के आस पास वेसे पहाढ़ की पहचान की जाए जो काफी अपरदित हो चुके हें या जिनके बहुत से भाग मिटटी में परिवर्तित हो चुके हों, एवं उनमे मौजूद चट्टान खतरनाक स्तिथि में टिके हों । ये भी जरुरी है की अपरदित पहाढ़ के आस पास जो आबादी हो उनको इस खतरे से आगाह किया जाए ।

1 comment:

Ricardo Pizarro Iturrieta said...

एक भूवैज्ञानिक गलती मानते हैं या बस सकता है एक प्राकृतिक
ज्वालामुखी का ही विस्फोट, तुम अगर वहाँ दुर्घटनाओं का उल्लेख नहीं किया गया
व्यक्तियों और संपत्ति. अच्छा विषय
अभिवादन